Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
17 Jul 2020 · 1 min read

~~◆◆{{◆◆नाजाने◆◆}}◆◆

नाजाने क्यों लोग दूर चले,इंसानियत की बात सब भूल चले.

अंधकार ही फैला है शिक्षा के दौर में,नाजाने कैसी ये आँखों में धूल चले.

बनावटी मुस्कान,बनावटी चेहरे,बनावटी महक में जल सब फूल चले.

पैसा पैसा करती है सबकी ज़मीर,हवस में हो हुस्न सब फ़िज़ूल चले।

बचाने को नही कोई हाथ,गिराने को मिलता सबका साथ,औरत की ही कोख़ में बेटी के दिल पर नुकीले शूल चले।

अहंकार,अकड़,क्रोध की काठी है अब इंसान,धर्म की सेज पर जल सब संस्कारों के असूल चले।

Loading...