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12 Jul 2020 · 1 min read

"मोहब्बत का आलम"

मोहब्बत का आलम ना पुछिए,
रातों को सोए नहीं ।
जिस्म से रूह तक कुर्बान कर दी जिस पर,
वो कभी हमारे हुऐ नहीं।

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