Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2020 · 2 min read

हम इस दुनिया मे क्यो आये…….?

हम इस दुनिया मे क्यो आये ………✍️
.
.
आज हम जिस भी हालात में है उसके जिम्मेदार खुद है चाहे वे अमीर हो या गरीब। एक इंसान ही है जो अपने हालात को बदल कर अपने प्राण को त्याग ता हैं , वरना जानवर तो जिस हालात में पैदा होता है उसी हालत में मर जाता हैं।

मेरा मानना है कि ये दुनिया बहुत बड़ी है और इस संसार में हम सभी लोग उस ईश्वर को धन्यवाद करना चाहते हैं जिसने हम सब को धरती पर इंसान के रूप मे भेजा हैं। शायद ऊपर वाला भी चाहता हैं कि ये अपनी लाइफ में कुछ बड़ा करे,कुछ अलग करे। पर उसके चाहने से नही होगा,वो चाहत अपने अंदर लानी होगी। आज हम लोग अपनी काबिलियत को पहचान नही पाते,हम अपनी सामर्थ्य को भूल चुके हैं।
हम अपनी लाइफ में बहुत कुछ चाहते हैं ,पर हमें हासिल क्यो नही होता ,क्योकि उसके लायक काम नही करते । आपको क्या लगता हैं एक भिखारी क्या वो अपनी लाइफ में कुछ नही चाहता। चाहता है पर सही दिशा में मेहनत नही करता। एक वो इंसान है जो महीने का लाखों, करोड़ो, यहा तक कि एक सेकंड के लाखों रुपए कमाता है,ओर एक हम सभी हैं जो इसके एक प्रतिशत भी नही है क्यो ? उसके पास भी 24 घण्टे,हमारे पास भी 24 घण्टे।उसके पास 2 हाथ ,हमारे पास भी 2 हाथ। एक रिक्शा वाला पूरे दिन भर लगा रहता है तब जाके 200,& 300 कमाता है क्योंकि मेहनत सभी लोग करते हैं लेकिन निर्भर हम पर करता है कि हम किस दिशा में करते है। हम भी चाहते थे कि हमारा एक दिन नाम हो, पहचान हो,इज्जत हो, लोग हमारे काम की, नाम की तारीफ करे।गांव समाज के लिए एक उदाहरण बने। इस दुनिया मे हम सभी लोग अपने आप को साबित करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं क्योंकि हमें पता है ,हम इस दुनिया मे खाली हाथ आये थे,ओर खाली हाथ ही जाना है पर कुछ ऐसा काम कर जाए अपनी लाइफ में तो संसार तो क्या ऊपर वाला भी सोचेगा , यही एक इंसान था जिसने अपना मकसद पूरा किया।अपनी लाइफ में कुछ अलग किया।

Language: Hindi
Tag: लेख
4 Likes · 2 Comments · 530 Views

You may also like these posts

*रोग से ज्यादा दवा, अब कर रही नुकसान है (हिंदी गजल)*
*रोग से ज्यादा दवा, अब कर रही नुकसान है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
#बाउंसर :-
#बाउंसर :-
*प्रणय*
"अकेलापन"
Pushpraj Anant
अपना ये गणतंत्र
अपना ये गणतंत्र
RAMESH SHARMA
जीवन ऐसे ही होता है
जीवन ऐसे ही होता है
प्रदीप कुमार गुप्ता
कविता
कविता
Rambali Mishra
विषधर
विषधर
Rajesh
“I’m immersed in myself, observing the lives of others does
“I’m immersed in myself, observing the lives of others does
पूर्वार्थ
"मिट्टी की महक"
Dr. Kishan tandon kranti
घर
घर
Dheerja Sharma
मन की इच्छा मन पहचाने
मन की इच्छा मन पहचाने
Suryakant Dwivedi
वफ़ा की परछाईं मेरे दिल में सदा रहेंगी,
वफ़ा की परछाईं मेरे दिल में सदा रहेंगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
फिर से जिंदगी ने उलाहना दिया ,
फिर से जिंदगी ने उलाहना दिया ,
Manju sagar
अगर कभी तुम्हारे लिए जंग हो जाए,
अगर कभी तुम्हारे लिए जंग हो जाए,
Jyoti Roshni
नदियां बहती जा रही थी
नदियां बहती जा रही थी
Indu Singh
साक्षात्कार एक स्वास्थ्य मंत्री से [ व्यंग्य ]
साक्षात्कार एक स्वास्थ्य मंत्री से [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
कवि को क्या लेना देना है !
कवि को क्या लेना देना है !
Ramswaroop Dinkar
दिनांक,,,11/07/2024,,,
दिनांक,,,11/07/2024,,,
Neelofar Khan
करोगे श्रम मनुज जितना
करोगे श्रम मनुज जितना
लक्ष्मी सिंह
नवरात्रि - गीत
नवरात्रि - गीत
Neeraj Agarwal
प्राण प्रतिष्ठा
प्राण प्रतिष्ठा
Khajan Singh Nain
नज़र
नज़र
Shakuntla Shaku
మంత్రాలయము మహా పుణ్య క్షేత్రము
మంత్రాలయము మహా పుణ్య క్షేత్రము
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
सपना है आँखों में मगर नीद कही और है
सपना है आँखों में मगर नीद कही और है
Rituraj shivem verma
अपनी गलती से कुछ नहीं सीखना
अपनी गलती से कुछ नहीं सीखना
Paras Nath Jha
मन
मन
अवध किशोर 'अवधू'
मुझे तुमसे अनुराग कितना है?
मुझे तुमसे अनुराग कितना है?
Bodhisatva kastooriya
मेरा जीवन,मेरी सांसे सारा तोहफा तेरे नाम। मौसम की रंगीन मिज़ाजी,पछुवा पुरवा तेरे नाम। ❤️
मेरा जीवन,मेरी सांसे सारा तोहफा तेरे नाम। मौसम की रंगीन मिज़ाजी,पछुवा पुरवा तेरे नाम। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बरसात
बरसात
manorath maharaj
नव भानु
नव भानु
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
Loading...