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विनय कुशवाहा 'विश्वासी'
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18 May 2020 · 1 min read
दोहा
रोजी खातिर वे गये, घर से अपने दूर।
उनको अब रोटी नहीं,हुए सभी मजबूर।।५९।।
Language:
Hindi
Tag:
दोहा
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