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12 May 2020 · 1 min read

उठ जाग मेरे मानस

उठ जाग मेरे मानस, बेहोश सो रहा है
अनमोल है ये नर तन, क्यों व्यर्थ खो रहा है ।उठ……
मानस जनम सुधारो, सत्कर्म मन में धारो
अब तो जरा विचारों, यह रोज खो रहा है ।उठ……..
भगवान ने धरा तन, संसार को सिखाने
कभी राम के बहाने, कभी कृष्ण के बहाने
जीवन में ये उतारो, ये व्यर्थ हो रहा है ।उठ……
मौत है बहाना, एक दिन सभी को जाना
आंखों से तुम निहारो,मन में जरा विचारों
पल पल ये जिंदगी का,सोने में खो रहा है ।उठ…..

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