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11 May 2020 · 1 min read

मन पुलक-पुलक हुआ

मन ने जब उसके मन को छुआ ,
मन पुलकित प्रमुदित आज हुआ ,
मन अभी तलक जो कह न सका ,
मन विरह ज्वाल जो सह न सका ,
अन्तर्मन की वह आवृत्त पीर
साहस संचित कर मन ने कहा ,
मन ने फिर उसके मन को छुआ ,
मन पुलकित प्रमुदित आज हुआ ।

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