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23 Apr 2020 · 1 min read

है धरती हम सबकी माता(चौपाई छंद)

है धरती हम सबकी माता,
हर प्राणी से इसका नाता।
आओ मिलकर इसे सजाएं,
रोग-व्याधि को दूर भगाएं।

हो खग, मृग या मधुकर भ्राता,
सब से ही है अपना नाता।
इसी धरा की अजब कहानी,
बहता जिस पर निर्मल पानी।

प्राणवायु बस यहीं विराजे,
चाँद सूर्य भी जिसको साजे।
उसी धरा से अपना नाता,
है धरती हम सबकी माता।

पुष्प कमल या कीट पतंगा,
राजा हो या भूखा नंगा।
हो चींटी या वन का हाथी,
हैं सब तो अपने ही साथी।

इन्हें कभी न तुम दुत्कारो,
करो न भक्षण इन्हें न मारो।
यही धरा के भूषण यारों,
‘जटा’ इसे ना कभी नकारो।

जटाशंकर ‘जटा’
२२-०४-२०२०
विश्व पृथ्वी दिवस

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