Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Mar 2020 · 1 min read

कोरोना

विद्यमान है वायरस, व्याकुल विश्व विशाल|
विपदा व्यापक है विकट, विफल वैद्य बेहाल||१

कण कण को कर्कश किया, कोरोना का काल।
कठिन काल करुणा भरा, कहर किया कंकाल||२

भोजन खाना तुम सदा, धोकर अपना हाथ|
संयम, साहस,धैर्य से, देना सबका साथ||३

सुखद सनातन साधना, सेवन शकाहार|
सावधान घर में रहे, सर्व श्रेष्ठ उपचार||४

दूर-दूर रहिए सदा, रहना ज़रा सचेत|
घर में रहिये अब सभी, परिजन आप समेत||५

-लक्षमी सिंह
नई दिल्ली

Language: Hindi
13 Likes · 3 Comments · 362 Views
Books from लक्ष्मी सिंह
View all

You may also like these posts

*पुस्तक*
*पुस्तक*
Dr. Priya Gupta
ये बच्चे!!
ये बच्चे!!
meenu yadav
हर बच्चा एक गीता है 🙏
हर बच्चा एक गीता है 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
विस्तार ____असीम की ओर (कविता) स्मारिका विषय 77 समागम
विस्तार ____असीम की ओर (कविता) स्मारिका विषय 77 समागम
Mangu singh
आवाज मन की
आवाज मन की
Pratibha Pandey
शब्द-वीणा ( समीक्षा)
शब्द-वीणा ( समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दिल और आत्मा
दिल और आत्मा
पूर्वार्थ
बुंदेली दोहा गरे गौ (भाग-2)
बुंदेली दोहा गरे गौ (भाग-2)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
प्रकृति का गुलदस्ता
प्रकृति का गुलदस्ता
Madhu Shah
4556.*पूर्णिका*
4556.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
All the Online Urdu courses available | Rekhta-Learning
All the Online Urdu courses available | Rekhta-Learning
Urdu Course
दोहा पंचक. . . . . हार
दोहा पंचक. . . . . हार
sushil sarna
अंबर
अंबर
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
नारी अस्मिता
नारी अस्मिता
Shyam Sundar Subramanian
हृदय के राम
हृदय के राम
इंजी. संजय श्रीवास्तव
हर पल तेरी याद
हर पल तेरी याद
Surinder blackpen
लघुकथा-
लघुकथा- "कैंसर" डॉ तबस्सुम जहां
Dr Tabassum Jahan
भिक्षुक एक श्राप
भिक्षुक एक श्राप
Kaviraag
असल
असल
Dr. Kishan tandon kranti
गरिमामय है धरती अपनी
गरिमामय है धरती अपनी
Ghanshyam Poddar
वीर शिवा की धरती है ये, इसको नमन करे संसार।
वीर शिवा की धरती है ये, इसको नमन करे संसार।
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
हर मौसम भाता है मुझे,
हर मौसम भाता है मुझे,
ओसमणी साहू 'ओश'
मरने से पहले
मरने से पहले
Dr MusafiR BaithA
अंधकार जो छंट गया
अंधकार जो छंट गया
Mahender Singh
संभलकर
संभलकर
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
सच्चे और अच्छे रिश्ते खो जाते हैं
सच्चे और अच्छे रिश्ते खो जाते हैं
Sonam Puneet Dubey
बंदूक से अत्यंत ज़्यादा विचार घातक होते हैं,
बंदूक से अत्यंत ज़्यादा विचार घातक होते हैं,
शेखर सिंह
*सतगुरु साँई  तेरे  संग है प्रीत लगाई*
*सतगुरु साँई तेरे संग है प्रीत लगाई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तू ही हमसफर, तू ही रास्ता, तू ही मेरी मंजिल है,
तू ही हमसफर, तू ही रास्ता, तू ही मेरी मंजिल है,
Rajesh Kumar Arjun
माँ तुम्हारे रूप से
माँ तुम्हारे रूप से
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
Loading...