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19 Mar 2020 · 1 min read

मुक्तक

ऐ मेरे ईश्वर ! न शोहरत,न दौलत
न सारे जहाँ का प्यार माँगता हूँ
न गाड़ी न बंगला , न चाहत
किसी का बेशुमार मांगता हूं
बस इतनी सी दुआ कुबूल हो मालिक
मरू जब भी, कही भी, क़भी भी
कफ़न तिरंगा हर बार माँगता हूँ

Language: Hindi
1 Like · 707 Views
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