Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
18 Mar 2020 · 1 min read

मतदान के नाम

जरा सा वक्त़ फुरसत का सुनो कुरबान कर देना
दबाकर के बटन गणतंत्र का सम्मान कर देना

तुम्हें सौगंध है इस देश की मिट्टी के कण-कण की
वतन के वास्ते बस वोट अपना दान कर देना

लगी अँगुली पे हो स्याही अमिट तब खीचकर सेल्फी
लुटेरों की है जो मंशा उसे बेजान कर देना

रहें जब जात मजहब के नुमाइंदे मोहब्बत से
बदलकर नाम इस दुनिया का हिन्दुस्तान कर देना

कभी भी धूप बारिश का बहाना मारकर ‘संजय’
शहीदों की शहादत का न तुम अपमान कर देना

Loading...