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17 Mar 2020 · 1 min read

कलम की ताकत

कलम की ताकत
कलम बिना ना, कोई जाने
बात ना कोई, अपनी माने ।
दिखने में, दुबली पतली सी
खोले हैं इसनें, कई खजाने ।।

जिसने पकड़ी, अपने हाथ में
रहती संग ये, उसके साथ में ।
अपनों से, प्यारी हो जाती
छोटी सी, एक मुलाकात में।।

कर्ज और फर्ज को, याद कराती
जायदाद को यह, बँटवाती।
झूठ की ओढ़नी, रखकर शिर पर
भाई -भाई का, प्यार बँटाती ।।

कर्मठ के, जब हाथ में आई
रियासत, उसने सारी मिलाई ।
टुकड़े -टुकड़े, बँटा था भारत
पटेल ने ताकत, इसकी दिखाई।।

जब आई, कपटी के हाथ में
खरबो रुपए, ले भागी साथ में ।
आधा इंच का, दस्तखत करके
धूल झोक गई, सबकी आँख में।।

ईमानदार ने, जब यह चलाई
देश विदेश में, मिली बड़ाई।
जेल पहुंच गए, दोषी सारे
कलम से, उनकी शामत आई ।।

शिक्षक ने जब, हाथ लगाया
कलम से, सबको ज्ञान सिखाया ।
भाईचारा सब को, सिखलाकर
सच का आईना, सबको दिखाया ।।

तुम भी मेरी, बात ये मानो
कलम की ताकत, को पहचानो ।
अनपढ़ता अभिशाप, बने ना
भाईचारा तुम, लिखना जानो।।

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