Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
17 Mar 2020 · 1 min read

ग़ज़ल- यार मेरा कमाल करता है

ग़ज़ल- यार मेरा कमाल करता है
■■■■■■■■■■■
यार मेरा कमाल करता है
दुश्मनी बेमिसाल करता है

बोलो कैसा मिज़ाज है तेरा
चोट देकर सवाल करता है

आजकल मतलबी सी दुनिया में
कौन किसका ख़याल करता है

कोई जिंदा रहे या मर जाये
अब नहीं वो मलाल करता है

दिल का उसने किया है यूँ सौदा
जैसे कोई दलाल करता है

टूट जाते “आकाश” जो रिश्ते
कौन उनको बहाल करता है

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 13/03/2020

Loading...