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12 Feb 2020 · 1 min read

एकमात्र सत्य

असत्य और सत्य
अज्ञान और ज्ञान
नफरत और प्रेम
कमजोर वा प्रबल
.
द्वंद्व वा द्वैत.
ये ही तो वो दो छोर है.
इस और हैं
या उस उस ओर है.

इनके बीच ही व्यवहार
की दौड़ है.
मालूम तुझे नहीं.
बोझ किसी और पर है.

जानते हम नहीं
देखता कोई और है.
इसी जद्दोजहद में
खोज ले
तेरी खुद की पहचान क्या है.

वैद्य महेन्द्र सिंह हंस

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