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7 Feb 2020 · 1 min read

मुझको दिया गुलाब

चाहे रहे गुलाब का ,….या गोभी का फूल ।
जो भी दे दिल से उसे, करिये मित्र कबूल ।।

कष्टों को मत मानिए, हरगिज़ मित्र खराब !
कांटो वाली शाख पर,खिलते सदा गुलाब !!

खुशबू तो रख ली स्वयं, मुझको दिया गुलाब !
क्या देता इस खेल का, उसको बता जवाब !!
रमेश शर्मा

Language: Hindi
2 Likes · 380 Views

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