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21 Dec 2019 · 1 min read

कवाब पर हड्डी

माना की बहरे हो
पर अन्धे भी हो
ये तुमने सिद्ध कर दिया,

अब दिमाग
कोई मायने नहीं रखता,
जो मन आये वो करो
ऐसा भी हरगिज़ नहीं होगा.

आज विरासत पर सियासत
सियासत में देनदारी भूल गये
देन है ये किसकी
उस विधान को भूल गये

इकट्ठा हुए थे लोग
जिस वजह से
जिसके मारफत
आज उस सूत्रधार पर
फिर कवाब की हड्डियां डाल दी.

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