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24 Nov 2019 · 1 min read

गुरु तेगबहादुर जी

हिन्द दी चादर बनया सी गुरु नवमेश
गुरु तेगबहादुर दिलां विच रहन हमेश

नौवें गुरु सिख धर्म दे सी बहुत ज्ञानी
ज्ञानसागर नाल तारया जग बन ध्यानी

चार पोते एक पुत्र दी धर्म भेंट चढाई
कौम लई परिवार वार मिसाल बनाई

औरंगजेब राजा दी कोई ना गल मन्नी
शीश कटवाया कौम लई आकड़ भन्नी

गुरुद्वारा शीशगंज साहिब चैते करवाए
गुरु दी हत्या करके सिया कहर कमाए

गुरुद्वारा रकाब गंज जो दिल्ली सचित्र
गुरु दा होया संस्कार सी थां बनी पवित्र

सच्च मार्ग चलन दा सी उपदेश सुनाया
लोक भलाई दे लई जीवन लेखे लाया

गुरु गोविंद दे पिता साहिबजादे दे दादे
समाज सेवा दे वास्ते,उनादे नेक इरादे

माता गुजरी जी दे सिर दे सी ओ साईं
शीश बलि तो पंहिला सी फतेह बुलाई

पालक हरगोबिंद माता नानकी जाया
दोंवां चावां नाल सी पुत लाड लड़ाया

मिट्ठियां सोहणिया़ गुरु वाणी लिखियां
लोकहित लई कई उदासियाँ कितिया

ज्ञानप्रकाश करवा के जग मंगल किता
दीन दुखियारयां दा दुख भंजन किता

जद तक रहेगी सृष्टि गुरुवां दे चर्चें होणे
मेले रहनगे भरदे गुरुद्वारे सजदे होणे

सुखविंद्र सिंह मनसीरत

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