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4 Oct 2019 · 1 min read

ज़रा देखिये

वक़्त की साजिश कुछ यूं हुई है, देखिये
वो आये, पर बनकर किराएदार देखिये !

बाग की राखी का जिम्मा सौंपा था जिन्हें
उजाड़ के उसको जा रहे वही, ज़रा देखिये !

हमारे हुस्न की मिसाल न दिया करो चांद से
हक़ीक़त उसकी भी आ गयी सामने देखिये !

वो कहते हैं- मुझे इश्क़ है तुमसे
शायद ये है उनका तकिया कलाम देखिये !

मेरे साथ ही रच रहे मेरे कत्ल की साजिश
क्या होती है मासूमियत की हद, ज़रा देखिये !

चलो तय कर लें अपनी हदें हम तुम
मेरे दिल पर कब्जा है तुम्हारा अबैध, देखिये !

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