Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Dashboard
Account
24 Aug 2016 · 1 min read

जन्माष्टमी का पैगाम

प्रेम की एक अलग परिभाषा के लिए
हर प्रेमी की जुबाँ पर आता है जिनका नाम

माँ के लाड में पुकार कर दुनिया याद करे
किसी नटखट नन्हे का नाम

कर्म की ऊँची शान है इस धरा पर
जीवन भर दिया जिसने ये पैगाम

फर्जो के सन्तुलन में आगे बढ़कर
इतिहास में दिया वास्तिवकता का प्रमाण

जिनके नाम से ही कष्ट मिटे एवम् आनन्द हो मन धाम
ऐसे कन्हैया को जन्माष्टमी पर इस लेखनी का शत शत प्रणाम ।

Loading...