Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
27 Sep 2019 · 1 min read

1046 ना जल सखी री

क्यों जलती हो सखी तुम।
मेरे पी के प्यार से।
तुम्हारे दिन भी आ जाएंगे।
बीत जाएंगे दिन इंतजार के।

समां मेरा बीत रहा है,
आज प्यार मैं।
हर पल लगता है ऐसे,
जैसे हो बहार में।

झूमता रहता है मन मेरा।
बैठ पी की बाहों में।
खो जाती हूं फिर मैं,
उनकी तकती निगाहों में।

तू ना जल सखी री मुझसे।
तेरे दिन भी आएंगे।
याद मुझे कर लेना तुम।
जब वह साथ तुझे ले जाएंगे

Loading...