Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Mar 2019 · 1 min read

सत्य

सदा विजय हो सत्य की, हो असत्य की हार।
रहे तनिक भी भय नहीं, साहस जिसके द्वार।।

पाप तिमिर सब मिट गया, फैला सत्य प्रकाश।
आततायी प्रकृति का, करके समूल नाश।।

सत्य राह छोड़े नहीं, पड़े समय का फेर।
सत्य कभी छुपता नहीं, लगता थोड़ा देर।।

सत्य कर्म पर जो अडिग,रखता मन विश्वास।
वह जग में यश कीर्ति से, लिख जाता इतिहास।।

मौन सत्य का द्वार है, दीप्तिमान-सा भोर।
फेके जो लम्बी यहाँ, कर देता है बोर।।

रंग सत्य का एक है,झूठे रंग हज़ार।
तो फिर भाये क्यों नहीं ,झूठों का व्यापार।।

इस कलयुग में झूठ को, करते सब स्वीकार।
अब हर पल हर मोड़ पर,होता सत्य शिकार।।

सत्य बचा है नाम का,बहुत अधिक है झूठ।
धर्म-कर्म को त्याग कर,मनुज बना है ठूठ।।

-लक्ष्मी सिंह

Language: Hindi
292 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all

You may also like these posts

🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कोई मिलता है
कोई मिलता है
shabina. Naaz
सुनो
सुनो
पूर्वार्थ
सफलता का जश्न मनाना ठीक है, लेकिन असफलता का सबक कभी भूलना नह
सफलता का जश्न मनाना ठीक है, लेकिन असफलता का सबक कभी भूलना नह
Ranjeet kumar patre
"फ़ुरक़त" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
*उठो,उठाओ आगे को बढ़ाओ*
*उठो,उठाओ आगे को बढ़ाओ*
Krishna Manshi
कभी आंखों में ख़्वाब तो कभी सैलाब रखते हैं,
कभी आंखों में ख़्वाब तो कभी सैलाब रखते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं
आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं
अंसार एटवी
क्या से क्या हो गया?
क्या से क्या हो गया?
Rekha khichi
आंख अपनी चुराना नहीं चाहिए।
आंख अपनी चुराना नहीं चाहिए।
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
अधिकतर प्रेम-सम्बन्धों में परिचय, रिश्तों और उम्मीदों का बोझ
अधिकतर प्रेम-सम्बन्धों में परिचय, रिश्तों और उम्मीदों का बोझ
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
एक बात यही है कहना !!
एक बात यही है कहना !!
Seema gupta,Alwar
एहसास
एहसास
seema sharma
बुंदेली दोहा-मटिया चूले
बुंदेली दोहा-मटिया चूले
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शब्द पिरामिड
शब्द पिरामिड
Rambali Mishra
कल तो निर्मम काल है ,
कल तो निर्मम काल है ,
sushil sarna
केवल दिन, सप्ताह,महीने और साल बदलने से कुछ नही होने वाला आपक
केवल दिन, सप्ताह,महीने और साल बदलने से कुछ नही होने वाला आपक
Rj Anand Prajapati
मौलिक विचार
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
झूठ
झूठ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
उन लम्हों को..
उन लम्हों को..
हिमांशु Kulshrestha
"चिता"
Dr. Kishan tandon kranti
सेल्समैन की लाइफ
सेल्समैन की लाइफ
Neha
हम ख़फ़ा हो
हम ख़फ़ा हो
Dr fauzia Naseem shad
गर्मी की मार
गर्मी की मार
Dr.Pratibha Prakash
जीवन है ये छोटा सा
जीवन है ये छोटा सा
प्रदीप कुमार गुप्ता
बांस के जंगल में
बांस के जंगल में
Otteri Selvakumar
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
Buddha Prakash
अंग्रेज तो चले गए ,
अंग्रेज तो चले गए ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
कविता
कविता
Nmita Sharma
2891.*पूर्णिका*
2891.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...