मुक्तक
दर्द दिल में मगर लब पे मुस्कान है
हौसलों की हमारे ये पहचान है
लाख कोशिश करो आके जाती नहीं
याद इक बिन बुलाई सी मेहमान है
दर्द दिल में मगर लब पे मुस्कान है
हौसलों की हमारे ये पहचान है
लाख कोशिश करो आके जाती नहीं
याद इक बिन बुलाई सी मेहमान है