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31 Jan 2019 · 1 min read

हौसला

गगन में उड़ने की
चाह थी उसकी
बैठा खिडकी के पास
देखता गगन में
उडते पंछी
पर वह लाचार था
पैरों से था असहाय

मन का था पक्का वह
ठान लिया था
गगन में उड़ना उसने
पर वह बैठा रहता
व्हील चेयर पर

एक दिन एक पंछी
आ बैठा खिडकी पर
लगा बात करने वह उससे
हिम्मत दिलाई उसने
पैर उठाए विश्वास से उसने

पहले उठा फिर गिरा
फिर संभला फिर चलने लगा
चिड़िया की चि चि बढ गयी थी
खुशी से नाच उठे दोनों

सच है
कोशिश करने वाली
हार नहीं होती
हौसला रखने वाले ही
पहुंचते है
गगन की ऊँचाईयों पर

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