Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
28 Jan 2019 · 1 min read

बहुत हैं ख्बाईशे

ख्बाईशे बहुत ज्यादा पाल रखी है मैने
जानता हूँ जिन्दगी छोटी है और ख्बाईशे लम्बी हैं

ख्वाइशों के लिए दिन रात भागता भटकता हूँ
नहीं मिले तो , लूट खसोट करता हूँ

जानता हूँ ख्वाइशों के समुन्दर में डूब जाऊंगा
जाऊंगा जब दुनियाँ से , खाली हाथ ही जाऊँगा

संभल जा ऐ इन्सान ख्बाईशे कम नहीं होंगी
नेक काम, नेक इरादे ही पहचान तेरी होगी

Loading...