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7 Jan 2019 · 1 min read

बरखा रानी

आई प्यारी बरखा रानी संग लाई रूत मस्तानी
हर घर आँगन खिली फुलवारी जाने अब किसकी है बारी
पेड़ो की शाखो पर लदी हर डाल फलों से भारी पत्तों पर वर्षा की बूँदें मानो लगती मोती की भाँति
धरती पर पड़ी हर इक बूँद विलीन हो रही मृदा में
पर सागर व सीपी में गिरी बूँद अपना अस्तित्व बना रही
क्या यही मानवता की कहानी बरखा रानी बड़ी सुहानी
गगन में इन्द्रधनुष के रंग किस बात के सूचक
सब रंगों का अपना महत्व
पर सब मिले नीला आसमा लगे सुहाना
आईं प्यारी बरखा रानी संग लाइ रूत मस्तानी
खुशी की लहर सबके मन में छाई
खेतों में फैली हरियाली
खुशी की लहर चहु ओर छाई
आई प्यारी बरखा रानी
संग लाइ रूत मस्तानी !

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