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26 Mar 2022 · 1 min read

सुकून

सुकून की तलाश मे दिल देने निकले
दिल ले लो सुकून दे दो कहने निकले

बस अगले मोड़ पर ये सुकून होगा
चलते चले गये, दर्द सह के निकले

इश्क हो सुकून भी मिले ये होता कहां
जो होता ही नही उसको ढूंढने निकले

सुकून की तलाश मे बेचैनियां पाल ली
बड़े हो गये जिंदगी सम्भालने निकले

सुकूने-रात शायद जिंदगी मे ही नही
ख्वाहिशें सुलाके यादें जगाने निकले

शुक्रिया जानम काबिलेतारीफ हैं आप
दिल ले के दर्द दिया, यूं सताने निकले

स्वरचित
मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर

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