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6 Jan 2019 · 1 min read

क्रूर होंगे।

हर किसी मे भरा उत्तेजना का भाव
आक्रोश प्रदर्शित करते मनोभाव
बदलते सोच, बनते बिगड़ते भाव

देख सुन लगता है मानो जल्द ही,
होंगे क्रूर सभी, क्रूरता छा जाएगी
हनक होगी जीत की, प्रेम हार जाएगी

क्रोध अकेला ना होगा वो भीड़ होगी
भीड़ धर रौद्र रूप प्रलय मचाएगी
भीड़ नफरत के अस्त्रों से हो सुसज्जित
श्रेष्ठता अहम के गौरव रथ पे सवार
युद्धरत होंगे, क्रूर होंगे

प्रेम स्नेह होंगे भूली-बिसरी बातें
अनवरत युद्ध की बात होंगी
पराजित होना स्वीकार नहीं
अहम की जीत होगी, हार होगी

क्रूरता होंगी हृदय में ,चेहरे पे कुटिल मुस्कान
कुटिलता के धुंध बिखरेंगे हर कोने में
कर धर्म की संस्कृति की व्याख्यान
क्रूरता ही संस्कृति बन जाएगी

क्रूरता बनती जाएगी आदर्श
विलाप ही होगा हर्ष
प्रतिस्पर्धा होंगी विध्वंस का
प्रेम-स्नेह की उपहास होगी

क्रूरता का राज होगा, साम्राज्य होगा
सोख सारी प्रेम-करुणा
हृदय में क्रूरता, चेहरे पे कुटिल मुस्कान होंगी
जो हाथ उठते थे मदद और सहयोग को
उन हाथों में हथियार होंगी।

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