Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
9 Nov 2018 · 1 min read

जिंदगी एक ख्वाब बनके रह गयी

जिंदगी एक ख्वाब बनके रह गयी
आंसू बरसात बनके रह गयी
बहारे पतझड़ के मौसम में ही अटकी रही
जिंदगी अरमानो में ही सिमट के रह गयी

Loading...