Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
19 Oct 2018 · 1 min read

समझो तुम दशहरा आया

जब थम जाए बारिश,
मौसम हो सर्द सरस,
सुनाई दे माँ की जयकार,
समझो तुम आया क्वार,
खिल उठे जब कांस के फूल,
उड़ने लगे धरा की धूल,
अन्न से भरे हो खलिहान,
कोयल सुनाए मधुर गान,
समझो तुम दशहरा आया,
खुशियों की सौगात लाया,
देखो बच्चों का उत्साह,
प्रेम प्यार की यह चाह,
सुबह से होते सब तैयार,
मिलकर चले हम यार,
ले हथियार चले दशहरा जीतने,
प्रेम स्नेह की नई इमारत गढ़ने,
मिल जुलकर उत्साह बढ़ाते,
बुराई पर अच्छाई की जीत मनाते,
करते हम नील कंठ के दर्शन,
होते आज हम बड़े प्रसन्न,
।।।जेपीएल।।।

Loading...