National Education Policy – 2020 नई शिक्षा नीति -2020
कम से कम पांचवीं या उससे आगें आठवीं तक स्थानीय भाषा या मातृभाषा में शिक्षा ।
हिंदी अग्रेजी जैसे विषय भाषा के पाठ्यक्रम के तौर पर तो होगें, लेकिन बाकी पाठ्यक्रम स्थानीय भाषा या मातृभाषा में होगें ।
पाठ्यक्रम 10 + 2 के जगह अब ये 5+3+3+4 के हिसाब से होगा ।
इस चरणबद्ध से पाठ्यक्रम –
01. प्रायमरी से दूसरी कक्षा
02. तीसरी से पांचवीं कक्षा
03. छ़ठी से आठवीं कक्षा
04. नववीं से बारहवीं तक
बारहवीं में बोर्ड परीक्षा होगी , परीक्षा में बदलाव रहेंगे ।
अपनी मर्जी व स्वेच्छा के आधार पर विषय का चयन । उदा. अगर कोई विज्ञान के साथ संगीत भी पढ़ सकता हैं यह विकल्प रहेगा ।
दसवीं की परीक्षा और उसके स्वरुप को लेकर अभी असमंजस की स्थिति हैं ।
वोकेशनल पाठ्यक्रम कक्षा छठी से शुरु हो जाएंगे ।
बोर्ड परीक्षा ज्ञान आधारित बनाया जाएगा ।
पहले जैसा रटकर याद करने की आदत को कम किया जायेगा ।
सभी बच्चें नये कौशल लेकर विद्यालय से निकलेगें ।
बच्चे ं स्वंय अपना मूल्यांकन करेंगे , रिपोर्ट कार्ड भी तैयार करेंगे ।
स्नातक चार साल या तीन दोनों विकल्प रहेंगे । अगर चार साल
का स्नातक लेगा तो पीजी एक का रहेगा ।
अगर कोई पढ़ाई बीच में छोड़ देता हैं तो वापस वहीं से दोबारा जारी
करने की आजादी रहेगी ।
नई शिक्षा निति में उच्च शिक्षा में विषय के आधार पर बच्चों के मनपसंद व उसके हुनर आधारित विषय मिल जाऐंगे । विषय चुनने में पूर्ण आजादी रहेगी , किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं रहेगी । तकनीकी शिक्षा पर ज्यादा से ज्यादा जोर रहेगा । आनलाईन , ई-लनिंग शिक्षा पर बहोत ज्यादा प्रयास रहेंगा । 34 वर्षों के बाद हमारे सामने नई चुनोतियाँ के साथ सभी भारतीय भाषाओं के साथ सर्व सुलभ बनाना हैं । पाचवीं कक्षा तक बच्चों को मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में ही पढाई करवाई जाएगी ।
राजू गजभिये
हिंदी साहित्य सम्मेलन
जय हिंद जय हिंदी