#N N MAHTO
क्या गुलजार, क्य मजरूह?
क्या बख्शी,क्या मीर?
सब हैं अतुलनीय पर मैं भी
आ रहा हूँ ,
आपके दिलों में दस्तक देने।
लेकर कुछ अलग,
कुछ ताजगी भरे,
कुछ नवीन,कुछ लज़ीज़ और
कुछ अज़ीज़ अल्फाज़ो की पोटली लिए।
नाम है N N MAHTO.
साक्ष्य है मिहिर,
आपके प्यार की चंद बूँदें,
जरूर बरसाना।
ये दिल तो है बस आपका और
मैं बन बैठा हूँ,
आपके प्यार का फ़कीर।।
मौलिक रचनाकार:-Nagendra Nath Mahto.
Copyright:-Nagendra Nath Mahto.