Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 1 min read

May 3, 2024

May 3, 2024

विषय यादें
शीर्षक हाय अल्ला
लेखक डॉ अरूण कुमार शास्त्री
भाषा हिंदी
विधा ओपन

यादें हो तो दुखी न हो तो भी दुखी ।
यादों का पिटारा लिए डोलें यहां सभी ।
कोई सुख की कोई दुख की
कोई कोई तो खाली पीली ।

ढोल पीटता अपने अपनो का ही ।
कुछ मतलब की कुछ बे मतलब की ।
लेकिन यादें बीते पल की और भविष्य की
इनके बीच में यदा कदा आज और अभी की

तुम भी दो योगदान अपना इन यादों में
तुम भी तो हो मेरे जीवन का हिस्सा
भूल पाना ना मुमकिन ये बात और है
वर्तमान में साथ रखना मुश्किल

लेकिन प्रिय हो अभिन्न अंश मेरे अतीत का
तुम ही तो हो सुखद स्पर्श मेरे प्रतीक का
तुम थी तो जी लिया वो सूने एहसास
था जब निपट अकेला एय सखी एक दम बिंदास

यादें हो तो दुखी न हो तो भी दुखी ।
यादों का पिटारा लिए डोलें यहां सभी ।
कोई सुख की कोई दुख की
कोई कोई तो खाली पीली ।

1 Like · 88 Views
Books from DR ARUN KUMAR SHASTRI
View all

You may also like these posts

निरगुन
निरगुन
Shekhar Chandra Mitra
आज़ सच को भी सच बोल दिया मैंने,
आज़ सच को भी सच बोल दिया मैंने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पहाड़ पर कविता
पहाड़ पर कविता
Brijpal Singh
3071.*पूर्णिका*
3071.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कारगिल विजय दिवस
कारगिल विजय दिवस
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
हठ धर्मी बनाना
हठ धर्मी बनाना
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
पलाश के फूल
पलाश के फूल
NAVNEET SINGH
- अब तक था में आम अब खास हो जाऊं -
- अब तक था में आम अब खास हो जाऊं -
bharat gehlot
मां शैलपुत्री देवी
मां शैलपुत्री देवी
Harminder Kaur
शब्दों के चरण में बच्चा
शब्दों के चरण में बच्चा
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
"जमाने को"
Dr. Kishan tandon kranti
स्मृतियां हैं सुख और दुख
स्मृतियां हैं सुख और दुख
Seema gupta,Alwar
सरस्वती वंदना-3
सरस्वती वंदना-3
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*टूटी मेज (बाल कविता)*
*टूटी मेज (बाल कविता)*
Ravi Prakash
कौशल
कौशल
Dinesh Kumar Gangwar
राम
राम
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
अंदाज़े शायरी
अंदाज़े शायरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पहले पता है चले की अपना कोन है....
पहले पता है चले की अपना कोन है....
डॉ. दीपक बवेजा
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
Mental Health
Mental Health
Bidyadhar Mantry
*शिक्षक*
*शिक्षक*
Dushyant Kumar
हे परमपिता मिले हमसफ़र जो हर इक सफ़र में भी साथ दे।
हे परमपिता मिले हमसफ़र जो हर इक सफ़र में भी साथ दे।
सत्य कुमार प्रेमी
मौहब्बत में किसी के गुलाब का इंतजार मत करना।
मौहब्बत में किसी के गुलाब का इंतजार मत करना।
Phool gufran
सभी फैसले अपने नहीं होते,
सभी फैसले अपने नहीं होते,
शेखर सिंह
ये ध्वज को नहीं झुकने दूंगा...
ये ध्वज को नहीं झुकने दूंगा...
TAMANNA BILASPURI
कैसी घड़ी है, कितनी खुशी है
कैसी घड़ी है, कितनी खुशी है
gurudeenverma198
#प्रसंगवश-
#प्रसंगवश-
*प्रणय*
कइसन रोग कोरोना बा...
कइसन रोग कोरोना बा...
आकाश महेशपुरी
कविता - शैतान है वो
कविता - शैतान है वो
Mahendra Narayan
हे सर्वस्व सुखद वर दाता
हे सर्वस्व सुखद वर दाता
Bharti Das
Loading...