Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Sep 2021 · 8 min read

आब मानि जाउ ने। (एकटा हास्य रेडियो नाटक)

आब मानि जाउ ने।

(एकटा हास्य रेडियो नाटक)

परिचय पात:-

1 राजेश – नायक।
2 कमला – नायिका-राजेशक पत्नी उर्फ पाही वाली।
3 मनोहर – राजेशक लंगोटिया दोस्त।
4 विमला – मनोहरक पत्नी उर्फ ठारही वाली।
5 नीलू – विमलाक सहेली।
6 सोनी – नीलूक सहेली।
7 मदन – दोस्त ।

पटकथा लेखक:- किशन कारीगर

नोट:-©भारतीय कॉपीराइट अधिनियम के तहत सर्वाधिकार लेखक कें अधिन सुरक्षित। लेखकक लिखित अनुमतिक बिना नाटकक कोनो अंशक प्रसारण व प्रकाशन नहि केल जा सकैत अछि।

। प्रथम दृश्य।

ध्वनी संगीत

कमलाः- (कनेक तमसाएल भाव में) मारे मुहॅ धकेए आब बाट तकैत-तकैत मोन अकछा गेल। हिनका किछू अनबाक लेल नहिं कहलियैन कि एकटा आफद मोल लए लेलहॅू।

तखने राजेशक प्रवेश।
राजेश:- (दारूक निशा में बरबराइत) हे यै पाही वाली कतए छी यै एम्हर आउ ने यै पाही वाली।

कमला:- (खूम खिसियाएल भाव मे) लगैत अछि जेना पूरा अन्धरा बजारे खरीदने आबि रहल छथि। तहि द्वारे अन्हराएल छथि।

राजेशः- हे यै पाही वाली अहॉ जूनी खिसियाउ एकबेर हमर गप सुनू ने।

कमलाः- हम कि खाक सुनू अहॉ के तए हमर कोनो फिकिरे नहि रहैए।

राजेशः-( निशा में मातल गबैत अछि) भिजल ठोर अहॉके।

कमलाः- हे दैब रै दैब अहॉक एहेन अवस्था देखि तए हमर ठोर मुहॅ सुखा गेल आ अहॅा कहैत छी जे भिजल अछि।

राजेशः- अहॉ फुसियाहीं के खंउजा रहल छी गीत सुनू ने। प्यासल दिल ल..ल हमर।

कमलाः-( खउंजा के) हे भगवान एतेक पीबलाक बादो अहॉके पियास लगले अछि तए हैए लिअ घैला मेहक ठंढ़ा पानि।

राजेशः- (हॅंसैत बरबराएत अछि) अहॅू कमाले कए रहल छी पहिने गीत सुनि लियए ने।
राजेशः- कियो हमरा संगे भिंसर तक रहतै तकरा हम करबै खूम प्यार ओ…हो…ओ हो…हो…ओ..हो…हो।

कमलाः- आब कि खाक प्यार करब । आब एक पहर बाद भिंसरो भए जेतैए।

राजेशः- (गीत गबैत गबैत सूतबाक प्रयास) आ सिटी बजा रहल अछि।
कमला:- हे महादेव एहेन गबैया के नींद दए दिऔय।
राजेशः- आब हयिए हम नानी गाम गेलहॅू आ अहॉ अपना गाम सॅ जलखै नेने आउ।

कमला:- अच्छा आब बूझनूक बच्चा जेंका चुपेचाप कले-बले सूति रहू ने।
राजेश:- ठीक छै पाही वाली जॅं अहॉं कहैत छी तऽ हम सूति रहैत छी मुदा जलखै बेर मे हमरा उठा देब।

राजेश सूति रहैत अछि।

।दृश्य समाप्त।

दृश्य-2 प्रारंभ।

चिड़ैय चुनमून के चूं…चूं कें ध्वनी

कमला:- (राजेश के उठबैत) हे यै आब उठि जाउ ने भिंसर भए गेलैए।
राजेश:- पाही वाली अहॉं ठीके कहैत छी की?

कमला:- ठीके नहिं तऽ की झूठ कनेक अपने ऑंखि सॅ देखू भिंसर भऽ गेलै।
राजेशः- हॅं यै ठीके मे भिंसर भऽ गेलैए अच्छा तऽ आब हम मॉर्निंग वॉक माने घूमि फिरी कऽ अबैत छी।

कमला:- अच्छा ठीक छै त जाउ मुदा जल्दीए घूमी क चली आएब। ताबैत हम चाह बना के रखने रहैत छी।

राजेशः- बेस तऽ आब हम घूमने अबैत छी। ओ के बाई-बाई।

राजेशक घर सॅं प्रस्थान।

पार्क में बातचीत करबाक ध्वनी प्रभाव।

मनोहर:- (दौगि रहल अछि आ हॉफि लैत) भाई आई काल्हि राजेश लंगोटिया देखबा मे नहि आबि रहल अछि।

मदन:- (खैनी चुनेबाक पटपट) से तऽ ठीके मे भाई हमरा तऽ बूझना जाइए जे ओ तऽ सासुर मे मंगनीक तरूआ तोड़ी रहल अछि।

मनोहर:- से जे करैत हुए मुदा भेंट तऽ करबाक चाहि।
मदन:- (हरबड़ाइत) हई ए ए ई लियअ नाम लैत देरी राजेश सेहो आबिए गेल।

दौगल अबैत राजेशक प्रवेश।
मनोहर:- (राजेश के देखैत) ओई-होई हमर दोस कि हाल चाल छौ।
राजेशः- हम तऽ ठीके छी भाई तू अपन कह कि समाचार।

मदन:- राम राम यौ लंगोटिया भाई।
राजेशः- (हॅसैत) आहा हा हा राम राम यौ चिकनौटिया भाई।

मदन:- राजेशक हाल तऽ हमरा सॅं पूछू बेचारा चिंता सॅं सनठी जेंकॉं सूखा गेल।
राजेश:- कि भेलैए एकरा से कहब ने कोनो दुख तकलीफ आफद विपैत।

मदन:- (राजेश स)ॅ हमरा सॅ त निक जे राजेश भाई अपने कहिए दहक तखन इहो बकलेल छौड़ा बूझिए जेतैए।
मनोहर:-( उदास भऽ कें) भाई कि कहियौअ जहिया सॅ ठारही वाली रूसि कें अपना नैहर चैल गेलैए हमरा तऽ एक्को कनमा निक्के नहि लगैत अछि।

राजेश:- किएक तूं भाउजि के मनेलही नहि?
मनोहर:- हं रौ भाई कतबो मनेलियैए मुदा ओ नहि मानलकै।

राजेशः- से किएक एहेन कि भऽ गेलैए जे भाउजी मुहॅ फूलौने ठारही चलि गेलौह।
मनोहरः- हमरा दारू पीबाक हिसक छल एहि द्वारे हमर ठारही वाली सपत देलक मुदा हमर हिसक छूटल ने।

राजेशः-( किछू सोचैत) हमरो पाही वाली हमरा सॅ रूसल रहैत अछि किएक तऽ ओकर फरमाईश जे पूरा नहि केलियै।
मदनः- (खैनी चूनेबाक पटपट अवाज) हें हें हा हा हम तऽ कहैत छी दूनू गोटे अपना-अपना कनियॉ ंके मना लियअ आ झगरे खतम।

मनोहरः- अहॉ ठीके कहलहूॅं मदन भाई। आब हम अपना ठारही वाली के मनाएब।
मदन:- हर हर महादेव तऽ झट सॅं निकालू हमर सवा रूपैया दक्षिणा।

मनोहरः- ओकरा सामने सपत खाएब जे आब हम दारू के मुहॅं नहि लगाएब।
राजेशः- तऽ देरि किएक? चल ने ठारही वाली भाउजी के मनेबाक लेल अंधराठारही चलैत छी।
मनोहरः- ठीके रौ भाई चल। मुदा जाइ सॅ पहिने तूं अपना पाही वाली के फोन कऽ दहि ने।
राजेश:- तूं ठीके कहि रहल छें हम एखने फोन लगबैत छी।

मोबाइल सॅं फोन लगेबाक ध्वनी प्रभाव
स्वर:- महिलाक अवाज़ हेल्लो ।
राजेश:- हम आई घर नहिं आएब। किएक तऽ हम मनोहर संगे ओकर सासुर जा रहल छी।
स्वरः- अहॉं के तऽ एक्को रति हमर फरमाईश मोन नहि रहैए।
राजेशः- पाहि वाली अहॉ जूनि रूसि हम अहॉ लेल किछू ने किछू नेने आएब।
स्वर:-ठीक छै तऽ जाउ मुदा जल्दीए चलि आएब। बाई- बाई।
राजेशः- बेस त बाई-बाई।
फोन कटबाक ध्वनी।

राजेशः- पाही वाली तऽ मानि गेलैए चल आब ठारही वाली के मनबैत छी।
मनोहरः- हॉफैत हं हॅं हं किएक नहि? जल्दी दौगल चल।
मदनः- भ भ भाई हमर द द दक्षिणा।
हॅसैत हॅसैत मनोहर आ राजेशक प्रस्थान।

मदन:- (हॅसि क) ई दूनू गोटे त सासुर चलि गेल त आब हमहू जाइत छी बाबूबरही अपना पंडिताइन के भेंट कए आबि। हें हें हें।

दृश्य -3

लड़की के जोर सॅं हॅसबाक अवाज़
(नीलू आ सोनी दूनू गोटे गीत गाबि हॅसी मजाक करै मे लागल अछि)

नीलूः- गीत गबैत आबि जाउ एके बेर आबि जाउ।
सोनीः- केकरा बजा रहल छीहि गे आ आ आबि जाउ।
नीलू-( मुस्कि मारैत) केकरो नहि तोरा ओझा के।
सोनी:-(गीत गबैत) तऽ कहि ने सोझहा आबि जाउ एक बेर आबि जाउ।

ताबैत मनोहर आ राजेशक प्रवेश।
नीलूः- दूनू गोटे के देखी क) दूल्हा बाबू आबि जाउ एक बेर आबि जाउ।
मनोहर:- अहॉ बजेलहूूॅं आ हम हाजिर। कहू समाचार।

सोनीः- ठीके मे गै बहिना देखही गे एहेन धरफड़िया दूल्हा देखल ने।
नीलूः- प्रणाम यौ पाहुन। रस्ता मे कोनो दिक्कस तऽ नहि भेल ने?

मनोहरः- दिक्कस कि खरंजा आ टूटलाहा पिच पर साइकिल चलबैत काल हार पांजर एक भऽ गेल।
सोनी:- त आब मजा आबि रहल अछि।
राजेशः- मजा तऽ आबि रहल अछि मुदा हमरा भाउजी सॅं भेट करा दितहॅू तए ठीक्के मे मजा आबि जेतैए।

नीलू:- अहॉं के नहिं चिन्हलहूॅं यौ हरबड़िया पाहुन।
राजेशः- हॅंसि क हा हा हा हमरा नहि चिन्हलहूॅ हम अहॉ पाहुनक लंगोटिया दोस राजेश छी।

(सभ गोटे ठहक्का लगबैत)
सोनीः- अहॉं कतेक नीक बजैत छी। चलू ने घूमैए लेल।
नीलूः- हॅ यौ पाहुन चलू चलू गाछी कलम आ खेत पथार सभ देखने अबैत छी।
राजेशः- हॅं हॅं किएक नहि चलू ने तीनू गोटे घूमने अबैत छी।

ठहक्का लगबैत तीनू गोटेक प्रस्थान।

मनोहर:- वाह रे किस्मत। सासुर हमर मुदा मान-दान एक्कर। हाई रे किस्मत के खेल।
तखन गीत गबैत विमलाक प्रवेश।

(गीतक ध्वनी- पिया परदेश सॅ पजेब नेने एब यौ पिया)
विमलाः- आश्चर्य भाव सॅं अ अ अहॉं।
मनोहरः- हॅ अहॉ बजेलहूॅ आ हम हाजिर छी। कहू कुशल समाचार।

विमलाः- (रूसि क बजैत) अहॉं के बजेलक के? जाउ हम अहॉ सॅ नहि बाजब।

मनोहरः- अहूॅं त कमाले करैत छी। देखू तऽ हम अहॉक लेल कि सभ अनने छी।
विमलाः- (आश्चर्य भाव सॅ) क क कि अनने छी हमरा लेले??

मनोहरः- (प्यार सॅ) ट…ट…ट टॉफी।
विमला:- अहॉ के टॉफी छोरी आरो किछू बजार मे नहि भेटल की?
मनोहरः- जिलेबी सिंहारा तऽ किनने छलहॅू अॅहिंक लेल मुदा रस्ते मे भूख लागि गेल तऽ अपने खा लेलहॅू।
विमलाः- (उदास भऽ के) अहॉं के तऽ एक्को रति हमर चिंते नहिं रहैयए।
मनोहरः- चिंता रहैयए तहि द्वारे तऽ आब हम दारू पिअब छोड़ि देलहूॅ।
विमलाः-( अकचका के) ठीके मे
मनोहरः- हॅं हॅं हम सपत खेने छी की आब हम दारू कहियो ने पिअब।
विमलाः- ई त बड्ड निक गप। आब हम किछू फरमाईश करी त?
मनोहरः- (हॅसैत) अहॉं फरमाईश त करू हम पूरा अंधरा बजारे घर उठौने चलि आएब।
तखने निलू सोनी आ राजेशक प्रवेश।
नीलू:- दीदी-दीदी चल ने आई पाहुन संगे बजार घूमने अबैत छी।
मनोहरः- हं हं चलू-चलू देरि भए जाएत आई अहॉं सभ कें अंधरा बजार घूमा दैत छी।

ठहक्का लगबैत सभहक प्रस्थान।

दृश्य-4

बजारक दृश्य बिक्रेता सभ के विभिन्न अवाज़।

बिक्रेताः- घड़ी लऽ लियअ, रेडियो लऽ लियअ।
बिक्रेता:- (डूगडूगी बजबैत) हे धिया पूता लेल डूगडूगी ल लियअ डूग-डूग।
राजेशः- भाई हमरा एकटा रेडियो किनबाक रहै।
बिक्रेताः- हईए लियअ ने एहि ठाम भेटत कम दाम मे निक रेडियो।
मनोहरः- लगैए तोहर दिमाग कतौह हरा गेलौ। घर मे टी वि छौ तइओ?

राजेशः-( अफसोस करैत) तोरा केना कहियौ की।
विमलाः- कहू तऽ सी. डि. टी. वि. के युग में कहू तऽ कियो आब रेडियो किनतैए।
राजेशः- (हॅसि क) इ हमरा पाही वाली के पसीन तऽ छियै तहि द्वारे त किनि रहल छियै।
मनोहर:- तखन तऽ एखने खरीद ले।
राजेशः- हे भाई एकटा बढ़िया क्वालिटी के रेडियो दिहअ।
बिक्रेताः- ई लियअ भाई साहेब।
राजेश:- हईए ई लियअ पाई। पाई देबाक ध्वनी प्रभाव।
मनोहर:- तऽ चल आब चलैत छी अपना गाम तोरा पाही वाली के मनेबाक लेल।
नीलूः- यौ पाहुन आ हम सभ।
राजेश:- अहॅू सभ चलू ने हमर गाम घर देखि क आपिस चलि आएब।
सोनीः- नहि यौ पाहुन पहिने हमरा सभ के घर तक छोडि दियअ। फेर कहियो अहॉ गाम मेला देखै लेल हम दूनू बहिन आएब।
मनोहरः- ठीक छै तऽ चलू अहॅा सभ कें गाम पर दए अबैत छी तकरा बाद हम सभ अपना गाम चल जाएब।
विमला:- ई भेल ने बुझनुक मनुक्ख वला गप।

ठहक्का लगबैत सभहक प्रस्थान।

दृश्य-5

रसोई घरक दृश्य। कमला गीत गुनगुना रहल अछि।

तखने राजेश मनोहर विमलाक प्रवेश।

राजेश:- सुनू ने सुनू ने सुन लियअ ने.हमर पाही वाली सुनू ..ने।
कमला:- हमरा अहॉक कोनो गप नहि सूनबाक अछि।
राजेशः- हे यै जूनि रूसू सुनू ने…..सुनू ने।
कमला:- कहलहूॅ तऽ नहि सूनैत छियैअ।
राजेशः- अहिं के सुनबाक लेल त बजार सॅं अनलहॅू। देख तऽ लियअ।
कमला:- (खिसियाअ के) हम कि कोनो अहॉं जंेका बहिर छी??

राजेश:- (अफसोस करैत) पाही वाली के हम केना बुझबई जे इ कोनो फरमाईश केने रहैए।
विमला आओर मनोहर एक दोसर सॅ कनफूसकीं कऽ गप करैत।
मनोहर – (विमला सॅं) लगैए कमला के किछू बूझहेबाक चाहि।
विमला – कमला बहिन एतेक खिसियाएल किएक छी। हमरा त कैह सकैत छी।
कमला – हिनका की कहियैन बहिन। पहिल सालगीरह के दिन हिनका सॅ किछू फरमाईश केने रहियैन मुदा हिनका तऽ कोनो धियाने नहिं रहैत छनि?

विमला – कहू तऽ एतबाक लेल एहेन खिसियाएब। पहिने देखियौ तऽ सही ओ अहां लेल कथी अनने छथि।
कमला – कथी इहे ने अंधरा बजारक मेथी।
विमला – नहि यै बहिन अहॉ एक बेर देखियौ त सही।
कमला – (आश्चर्य भाव सॅं) हे भगवान ठीके मे
कमला- राजेश सॅं हमरा लेल कथी अनने छी से देखाउ ने।
राजेश – हे भगवान आई अहॉ बचा लेलहॅू नहिं त…त आई फेर सॅ।
कमला – की भेल अहॉ के?
राजेश – (हरबराईत बजैत अछि) अहॉ बैग खोलि क क देखू ने हम कथि नेने एलहॅू अहॉ लेल स्पेशल मे।

बैग खोलबाक ध्वनी प्रभाव।
कमला- (हॅसि क) र…र….रेडियो। आब त हम मजा सॅं कांतिपूर एफ.एम जनकपूर एफ.एम. दरभंगा विविध भारती रेडियो सुनैत रहब।
राजेश- अहॉक मोन जे सुनबाक अछि से सुनैत रहू मुदा आब मानि जाउ ने।
कमला – (रूसि कें) रेडियो त अनलहॅू मुदा झुमका किएक नहि अनलहूॅं?
मनोहर- हे भगवान फेर सॅ एकटा नबका मुसिबत तूहिं बचबिहअ।

राजेश – हे यै पाही वाली हम अहॉं लेल बरेलीवला झूमका सेहो अनने छी। आब मानि जाउ ने।
सभ गोटे ठहक्का लगबैत। हॅसबाक ध्वनी प्रभाव।

मनोहर – वाह-भाई मानि गेलहॅू । रूसल कनियॉं कें मनाएब तऽ कियो राजेश सॅं सीखेए।
सभ गोटे एक संगे ठहक्का लगबैत हा…हा…।

।समाप्त।

Language: Maithili
1 Like · 359 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan Karigar
View all
You may also like:
मिलो ना तुम अगर तो अश्रुधारा छूट जाती है ।
मिलो ना तुम अगर तो अश्रुधारा छूट जाती है ।
Arvind trivedi
मचले छूने को आकाश
मचले छूने को आकाश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अब तो आओ न
अब तो आओ न
Arti Bhadauria
होके रहेगा इंक़लाब
होके रहेगा इंक़लाब
Shekhar Chandra Mitra
शांति तुम आ गई
शांति तुम आ गई
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
आहाँ अपन किछु कहैत रहू ,आहाँ अपन किछु लिखइत रहू !
आहाँ अपन किछु कहैत रहू ,आहाँ अपन किछु लिखइत रहू !
DrLakshman Jha Parimal
इल्म
इल्म
Bodhisatva kastooriya
महामना फुले बजरिए हाइकु / मुसाफ़िर बैठा
महामना फुले बजरिए हाइकु / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी।
तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी।
Manisha Manjari
" ज़ेल नईखे सरल "
Chunnu Lal Gupta
जब तक हो तन में प्राण
जब तक हो तन में प्राण
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अगर जीवन में कभी किसी का कंधा बने हो , किसी की बाजू बने हो ,
अगर जीवन में कभी किसी का कंधा बने हो , किसी की बाजू बने हो ,
Seema Verma
*स्वप्न को साकार करे साहस वो विकराल हो*
*स्वप्न को साकार करे साहस वो विकराल हो*
पूर्वार्थ
*पहले वाले  मन में हैँ ख़्यालात नहीं*
*पहले वाले मन में हैँ ख़्यालात नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मेरा भूत
मेरा भूत
हिमांशु Kulshrestha
कभी कभी ज़िंदगी में लिया गया छोटा निर्णय भी बाद के दिनों में
कभी कभी ज़िंदगी में लिया गया छोटा निर्णय भी बाद के दिनों में
Paras Nath Jha
मैं तो महज बुनियाद हूँ
मैं तो महज बुनियाद हूँ
VINOD CHAUHAN
षड्यंत्रों की कमी नहीं है
षड्यंत्रों की कमी नहीं है
Suryakant Dwivedi
हर घर में नहीं आती लक्ष्मी
हर घर में नहीं आती लक्ष्मी
कवि रमेशराज
*अहम ब्रह्मास्मि*
*अहम ब्रह्मास्मि*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कैसे भूल जाएं...
कैसे भूल जाएं...
Er. Sanjay Shrivastava
"इस हथेली को भी बस
*Author प्रणय प्रभात*
*सुबह टहलना (बाल कविता)*
*सुबह टहलना (बाल कविता)*
Ravi Prakash
आदि शक्ति माँ
आदि शक्ति माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वास्ते हक के लिए था फैसला शब्बीर का(सलाम इमाम हुसैन (A.S.)की शान में)
वास्ते हक के लिए था फैसला शब्बीर का(सलाम इमाम हुसैन (A.S.)की शान में)
shabina. Naaz
पंछी
पंछी
sushil sarna
Tu wakt hai ya koi khab mera
Tu wakt hai ya koi khab mera
Sakshi Tripathi
"अहसास के पन्नों पर"
Dr. Kishan tandon kranti
2397.पूर्णिका
2397.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-325💐
💐प्रेम कौतुक-325💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...