*थोड़ा-थोड़ा दाग लगा है, सब की चुनरी में (हिंदी गजल)
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
सुन लो प्रिय अब किसी से प्यार न होगा।/लवकुश यादव "अजल"
प्रीत हमारी हो
singh kunwar sarvendra vikram
कहा हों मोहन, तुम दिखते नहीं हों !
ज़िम्मेदारियों ने तन्हा कर दिया अपनों से,
सफलता और असफलता के बीच आत्मछवि- रविकेश झा
शिमला, मनाली, न नैनीताल देता है
* सुन्दर झुरमुट बांस के *
मैंने हर मुमकिन कोशिश, की उसे भुलाने की।
जब मैसेज और काॅल से जी भर जाता है ,
मैं घमंडी नहीं हूँ ना कभी घमंड किया हमने
कितना आसान है न बुद्ध बनना, अपनी दूधमुंही संतान को और सोती ह