वो इतनी ही हमारी बस सांझली
❤️ मिलेंगे फिर किसी रोज सुबह-ए-गांव की गलियो में
सुस्ता लीजिये - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
बाबा साहब अंबेडकर का अधूरा न्याय
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मैं जीना सकूंगा कभी उनके बिन
मतदान 93 सीटों पर हो रहा है और बिकाऊ मीडिया एक जगह झुंड बना
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
इन हवाओं को महफूज़ रखना, यूं नाराज़ रहती है,
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
रतन महान , एक श्रद्धांजलि
उलझी हुई है ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ सँवार दे,
तू अपने दिल का गुबार कहता है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
शीर्षक:कोई चिट्ठी लिख देते
आज एक अरसे बाद मेने किया हौसला है,
यूं तो गुल-ए-गुलशन में सभी,
पुस्तक अनमोल वस्तु है
Anamika Tiwari 'annpurna '
शिमला, मनाली, न नैनीताल देता है
भारत को आखिर फूटबौळ क्यों बना दिया ? ना पड़ोसियों के गोल पोस
हर सिम्त दोस्ती का अरमान नहीं होता ।
अगर हमारा सुख शान्ति का आधार पदार्थगत है