सहूलियत
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
सबसे सुंदर जग में अपना, तीर्थ अयोध्या धाम है (गीत)
बैठी थी मैं सजन सँग कुछ कह के मुस्कुराए ,
समय-सारणी की इतनी पाबंद है तूं
मरने से पहले ख्वाहिश जो पूछे कोई
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
हमें ना शिकायत है आप सभी से,
जुगनू की छांव में इश्क़ का ख़ुमार होता है
बादलों की आवाज आई वह खड़ी थी वहां पर एक बूंद ऊस पर भी गि