Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jan 2022 · 1 min read

दर्द

दर्द सहकर भी जब ये निड़र जाएगा
आदमी फिर इससे भी बिसर जाएगा।
फूल की राहों में, कांटे रहें भी मगर
साथ हर पल नहीं हम- सफ़र जाएगा।।
यह नया इश्क़ है करने दो मन का ही
कुछ दिनों बाद ये भी सुधर जाएगा ।
चोट देगी इसे इश्क़ की राह तब
चोट खाकर ये आशिक किधर जाएगा ।।
गांव से दूर यहां मन भी लगता नहीं
माॅं थी’ कहती कमाने शहर जाएगा
लौट जाएं‌ वहां हम भी यह सोच कर
माॅं के’ छूने से’ फिर ज़ख़्म भर जाएगा
बे- हुनर है जो भी इस जहां में ‘अभि’
राह ‌से हर दफ़ा बे – ख़बर जाएगा ।।

©अभिषेक पाण्डेय अभि

47 Likes · 3 Comments · 314 Views

You may also like these posts

काश!
काश!
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
नशा
नशा
राकेश पाठक कठारा
जिंदगी एक चादर है
जिंदगी एक चादर है
Ram Krishan Rastogi
ये कैसे रिश्ते है
ये कैसे रिश्ते है
shabina. Naaz
हास्य व्यंग्य
हास्य व्यंग्य
प्रीतम श्रावस्तवी
बेटियां देखती स्वप्न जो आज हैं।
बेटियां देखती स्वप्न जो आज हैं।
surenderpal vaidya
***
*** " बरसात के मौसम में........!!! " ***
VEDANTA PATEL
मैं घमंडी नहीं हूँ
मैं घमंडी नहीं हूँ
Dr. Man Mohan Krishna
नाम लिख तो लिया
नाम लिख तो लिया
SHAMA PARVEEN
दर्द -ऐ सर हुआ सब कुछ भुलाकर आये है ।
दर्द -ऐ सर हुआ सब कुछ भुलाकर आये है ।
Phool gufran
#प्राण ! #तुम बिन. . .!
#प्राण ! #तुम बिन. . .!
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
मां
मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
मूर्खता
मूर्खता
Rambali Mishra
"पैमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
আমায় নূপুর করে পরাও কন্যা দুই চরণে তোমার
আমায় নূপুর করে পরাও কন্যা দুই চরণে তোমার
Arghyadeep Chakraborty
2796. *पूर्णिका*
2796. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आत्मविश्वास
आत्मविश्वास
Anamika Tiwari 'annpurna '
जनवासा अब है कहाँ,अब है कहाँ बरात (कुंडलिया)
जनवासा अब है कहाँ,अब है कहाँ बरात (कुंडलिया)
Ravi Prakash
मूर्तियां भी मौन हैं
मूर्तियां भी मौन हैं
अमित कुमार
मेरा हाथ
मेरा हाथ
Dr.Priya Soni Khare
नशा मुक्त अभियान
नशा मुक्त अभियान
Kumud Srivastava
हाथ में कलम और मन में ख्याल
हाथ में कलम और मन में ख्याल
Sonu sugandh
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
..
..
*प्रणय*
देव उठनी
देव उठनी
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
काश!
काश!
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
When you strongly want to do something, you will find a way
When you strongly want to do something, you will find a way
पूर्वार्थ
सादापन
सादापन
NAVNEET SINGH
चुनना किसी एक को
चुनना किसी एक को
Mangilal 713
Loading...