कोई हैं जो सपनो मैं मेरे आने लगा है
मेरी नींदों से ख्वाबों को मिटाने लगा है,
कोई है जो सपनों में मेरे आने लगा है।
लिख दिए हैं मैंने कागज पे कुछ लम्हे,
कोई है जो उन नगमो को गुनगुनाने लगा है।
निभा कर साथ रात भर वो अब जाने लगा है,
कोई है जो मुझ से नजरें चुराने लगा है।
मैं सुनाता था क़िस्से जमाने भर को,
कोई है जो मुझे दास्तान अपनी सुनाने लगा है।
अपनी बातों से मेरे दिल को बहलाने लगा है,
कोई है जो मुझ को अपना बनाने लगा है।