Jindagi Ke falsafe
ज़िंदगी के फ़लसफ़े, कुछ हासिल हुए मुकाम ,
हर रास्ते पे, मंज़िलों की तलाश अधूरी सी है।
आँखों में नमी है, दिल में कुछ कमी सी है,
अधरों में हंसी, हलक में प्यास अधूरी सी है।
यु तो पैर जमीन पर, सर पर आकश है तना ,
हर ख्वाहिश, सपनों की आस अधूरी सी है ।
अकेले हमीं नही , सभी की अधूरी है कुछ दास्तां,
मुलाकातें कुछ ख़ास अधूरी सी है ।
हर खुशी में एक ग़म, हर ग़म में एक खुशी,
दिल ए सुकून की सांस अधूरी सी है ।
लिखें तो क्या लिखे जिंदगी के फलसेफ ‘असीमित’ ,
दिल में उठी हुलास अधूरी सी है ।