ये लम्हा लम्हा तेरा इंतज़ार सताता है ।
लहरों पर होकर सवार!चलना नही स्वीकार!!
उफ़ ये गहराइयों के अंदर भी,
-आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया हो गया -
#अंसुवन के मोती
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
सुबह-सुबह की चाय और स़ंग आपका
कहां की बात, कहां चली गई,
प्रेम गजब है
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
International Day Against Drug Abuse
*नारी को है सम्मान जहॉं, वह धरती स्वर्ग-समान है (राधेश्यामी
मेरी जिंदगी भी तुम हो,मेरी बंदगी भी तुम हो
Appreciate the efforts. When someone is giving their all to