जन्माष्टमी
जन्माष्टमी की बहुत बधाई
अंधियारे को चीर कर , करने को उजियारा
प्रकाश की किरणें फैलाने, आया बंसी वाला
मधुर तान बंसी की सुन कर, मोहित हुये सभी जन
दुखों के बादल बिखरा कर, लाया सुखद उजाला।
राह तकते बेबस होकर, आयें कब गोपाला
आस बँधायें आकर सबको, नर नारी और गवाला
तुम बिन कोई नहीं इस जगह मे ,नाथ तुम्हीं इस जग के
तुम संग गाऊँ तुम्हीं संग खेलूँ ,मेरे तुम नंद लाला।
उफनती यमुना काले बदरा, घनघोर घटा है छाये
सिर पर सूप में रख ललना को, नंद गाँव हैं ले जाये
वासुकी ने छाया की है, यमुना पाँव पखारे खूब
वासुदेव पानी में डूबे प्रभु को पार ले जाये है।
सूक्षम लता महाजन