II सूखी रोटी और तरकारी में II
सूखी रोटी और तरकारी में,
बच्चों की किलकारी में,
मिल जाएगी सारी खुशी,
ना काम करो मक्कारी में ll
पड़ोसी का भी हाल पूछ लो,
मेला मंडी हॉट घूम लो,
पाव रहैं बस धरती पर ,
तुम सारा आकाश चूम लोll
होली दिवाली घर आएंगे ,
जो बिछड़े वह भी मिल जाएंगे,
अधिकारों की बात करो पर,
कर्तव्य निभाओ चकारी मेंll
संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश