II….बिन तेरे….II
हम भी अपनी सी कहेंगे देखना l
लोग अपनी भी सुनेंगे देखना ll
दीप बाती और गुल खुशबू बिना l
बिन तेरे हम ना रहेंगे देखना ll
हार जाएगा तिमिर मालूम मुझे l
दीप हर घर में जलेंगे देखना ll
हर गली में रोशनी होगी यहां l
चांद सूरज भी छिपेगे देखना ll
लेकर आई है हवा खुश्बू तेरी l
कल उससे भी हम मिलेंगे देखना ll
संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश l