II जेब मे पैसे II
अगर जेब मे पैसे न हो कौन मिठाई दे देगा l
छांछ की जब लूट मची हो कौन मलाई दे देगा ll
बाप ही जब बाप रहा न भाई से उम्मीद कहां l
कल दौलत यदि मिल ही जाएं कौन बधाई दे देगा ll
कितना भी तू दूर रहे हवा वहां भी बहती होगी l
जब दूर कहीं दिल टूटेगा तुझे सुनाई दे देगा ll
बड़ा अनोखा रिश्ता तन का आती जाती सांसों से l
ऐसे तो कुछ पता नहीं टूटा तो दिखाई दे देगा ll
“सलिल” रहा खुश देख के मेला दूर खड़ा हो टीले पर l
जिसका भी गुबारा फूटा यहां सुनाई दे देगा ll
संजय सिंह “सलिल “