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24 Feb 2017 · 1 min read

II आईने को सामने रखना जरूरी है II

क्या लिखूं कैसे लिखूं लिखना जरूरी हैl
आईने को सामने रखना जरूरी है ll

राह खुद ब खुद मंजिल बन जाएगी l
एक बार तेरा प्यार में पडना जरुरी है ll

पछताएगा एक दिन समय जाएगा बीतl
बौराए हैं आम तो सजना जरुरी है ll

निश्चित ही मिल जाएगी मंजिल मगर l
जीवन का लंबा सफर चलना जरूरी है ll

मन से पुकारो वह कहां रह पाएगा l
प्रीत हो सच्ची अगर मिलना जरूरी है ll

बंद आंखों से जो देखा टूटना ही था l
आंख खोलकर देखो सपना जरूरी हैll

संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़ ,उत्तर प्रदेश l

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