Humans and Animals – When When and When? – Desert fellow Rakesh Yadav
मानव और जानवर – कब कब और कब ?
मनुष्य ने अपनी उन्नति को विकसित किया है और इसके लिए आसपास के जंगली जीव-जंतुओं को पालतू बनाया है। अपने जीवन को सुविधाजनक बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के पालतू जानवरों पर अपना कब्ज़ा किया और अपनी जरूरतो की पूर्ति की । पहले, मानव ने गाय-भैंस को पालतू बनाया, उन्हे खेती के काम में लगाया। इन पशुओं के साथ, खेतों की खुदाई की और खेत तैयार किया और फसलों की खेती की। यही कारण है कि वह किसान बन सका और अपने परिवार को पोषण प्रदान कर सका । लेकिन आज जानवर रोड पर घूम रहे, अलग- अलग बीमारिया रोज निकल रही,सडक पर दुर्घटनाये हो रही,मनुष्य ने अपनी जरूरतो के लिए विकास तो किया लेकिन किसी का शोषण भी किया| सवारी के लिए, वाहनो के लिए घोड़ों को पालतू बनाया, उन्हें दूर-दूर की यात्राओं के लिए साधना बनाया। इन घोड़ों की मदद से, अपने गाँव से बाहर की यात्राएँ की, अन्य गाँवों तक पहुँच बनाई और व्यापार कर विकास के रास्ते पर आया। गाड़ी बग्घी को खींचने के लिए जानवरों का सहारा लिया । उन्हें अपने सामान को बड़ी दूरी तक पहुँचाने की होड़ लगाई और व्यापार का विस्तार किया। कठिन रास्तो के लिए ऊँटों को भी पालतू बनाया, जो किसानों को रेगिस्तानों में दूरदराज़ जगहों तक पहुँचने के लिए इस्तमाल किया। ऊँटों के शक्तिशाली पैरों से, वह अपने सामान को कठिन रास्तों पर भी ले गया और विभिन्न स्थानों की खोज की और खूब विकास किया फिर गाय बकरिया पाली उनसे मास दूध प्राप्त किया, मनुष्य ने जंगली जीव-जंतुओं को पालतू बनाकर अपनी उन्नति को बढ़ाया और अपने जीवन को सुविधाजनक बनाया । पालतू जानवरों के साथ, अपने सामाजिक और आर्थिक स्थिती को सुधारा है और अपने सपनों को पूरा किया |
लेकिन आज जानवरो की स्थिति बहुत दयनीय स्थिती मे है,बढ़ते विकास की होड़ मे जानवरो पर ध्यान हि नहीं दिया जा रहा,जबकी हमारा अस्थित्व उन्ही से जन्मा है, बड़े-बड़े रासायनिक प्रयोग किये जा रहे,बड़े-बड़े कारखाने डाले जा रहे,विकास के देवता का साथ देते-देते प्रकृति और परियवर्ण के तरफ ध्यान हि नहीं दिया जा रहा, हर कभी गर्मी,हर कभी बारिश,और हरकभी कोई भी बीमारिया जो जलवायु परिवर्तन के कारण समाने आ रही वो बहुत गहरा और लम्बे समय के लिए जानवरो को परेशान कर रही है | प्रभावित कर रही है, उनके शरीर को हानि पोहचा रही है उनके बीमार होने से तकलीफ मे आने से मनुष्य पर भी तकलीफ आ रही | हमारा ध्यान कब हमारे अस्थित्व के साथ जुड़ेगा,कब हम हमारी गलतियों को पहचानकर काम करना शुरु करेंगे| कब हम जानवर प्रेमी माहौल स्थापित करेंगे | कब कब और कब ?
डेजर्ट फेलो राकेश यादव