Holi
प्रेम सिंगार का मौसम है, मेरे यार होली है।
ह्रदय के मेल का संगम है, मेरे यार होली है।
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भिगो दो रंग में अपने,मोहब्बत मेरी सतरंगी।
ये तेरा रूप अनुपम है, मेरे यार होली है
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तुम्हारा रुप ये यौवन, बढा देती मेरी धड़कन।
अजब माथे का कुमकुम है,मेरे यार होली है।
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तेरे जीवन का हर पल इस तरह रंगीला हो जाए।
सगीर लहराए अब परचम,मेरे यार होली है।
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डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी खैरा बाज़ार बहराइच यूपी