Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Oct 2021 · 1 min read

संघर्षशील कामगार

काम कर रहे है दिन रात वो
कर रहे राष्ट्र प्रगति का कार्य वो भी
बनाते हैं ऊंची ऊंची इमारतें
लेकिन बिना छत सो रहे है वो भी।।

है अरमान दिल में उनके भी
है घर में घरवाले उनके भी
आती है जब कंपकंपाती सर्दी
ठिठुरन होती है उनको भी।।

छोटे छोटे मासूम है उनके भी
आंखों में आंसू है उनके भी
लगता है ऐसा अब एक अदद
आशियाने की ज़रूरत है उनको भी।।

हंसते रोते रहते है वो दिनभर
मिट्टी में खेलते रहते है दिनभर
तेज़ धूप, ठंड, आंधियों को भी
सहते है धूल से सने मासूम दिनभर।।

मुश्किल है ढारों में रहना सर्द रातों में
जाने वो कैसे रह पाते होंगे
दूर रहते है परिवारों से बरसों
उनको भी तो अपने याद आते होंगे।।

उनको कोई सुविधाएं नहीं
वो खुले में ही नहाते होंगे
देखते है उनके बच्चे जब, दूसरे
बच्चों को खिलौनों से खेलते हुए,
वो भी तो खेलना चाहते होंगे।।

है वो संघर्षशील हमेशा लेकिन
कभी तो वो भी थक जाते होंगे
आराम करने का मन होता होगा
लेकिन फिर भी काम पर जाते होंगे।।

Language: Hindi
7 Likes · 317 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*क्या देखते हो*
*क्या देखते हो*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रेम
प्रेम
Bodhisatva kastooriya
सफर
सफर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
पुण्य स्मरण: 18 जून2008 को मुरादाबाद में आयोजित पारिवारिक सम
पुण्य स्मरण: 18 जून2008 को मुरादाबाद में आयोजित पारिवारिक सम
Ravi Prakash
"हालात"
Dr. Kishan tandon kranti
जर्जर है कानून व्यवस्था,
जर्जर है कानून व्यवस्था,
ओनिका सेतिया 'अनु '
अंतहीन प्रश्न
अंतहीन प्रश्न
Shyam Sundar Subramanian
आज तुझे देख के मेरा बहम टूट गया
आज तुझे देख के मेरा बहम टूट गया
Kumar lalit
माँ सरस्वती अन्तर्मन मन में..
माँ सरस्वती अन्तर्मन मन में..
Vijay kumar Pandey
अधूरा इश्क़
अधूरा इश्क़
Dr. Mulla Adam Ali
बेइंतहा इश्क़
बेइंतहा इश्क़
Shekhar Chandra Mitra
जिंदगी की हर कसौटी पर इम्तिहान हमने बखूबी दिया,
जिंदगी की हर कसौटी पर इम्तिहान हमने बखूबी दिया,
manjula chauhan
*तुम  हुए ना हमारे*
*तुम हुए ना हमारे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
परफेक्ट बनने के लिए सबसे पहले खुद में झांकना पड़ता है, स्वयं
परफेक्ट बनने के लिए सबसे पहले खुद में झांकना पड़ता है, स्वयं
Seema gupta,Alwar
बीती एक और होली, व्हिस्की ब्रैंडी रम वोदका रंग ख़ूब चढे़--
बीती एक और होली, व्हिस्की ब्रैंडी रम वोदका रंग ख़ूब चढे़--
Shreedhar
ਪਰਦੇਸ
ਪਰਦੇਸ
Surinder blackpen
हार भी स्वीकार हो
हार भी स्वीकार हो
Dr fauzia Naseem shad
😢साहित्यपीडिया😢
😢साहित्यपीडिया😢
*Author प्रणय प्रभात*
एक सत्य
एक सत्य
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
कर्मयोगी संत शिरोमणि गाडगे
कर्मयोगी संत शिरोमणि गाडगे
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
साहिल के समंदर दरिया मौज,
साहिल के समंदर दरिया मौज,
Sahil Ahmad
संयुक्त परिवार
संयुक्त परिवार
विजय कुमार अग्रवाल
एक सख्सियत है दिल में जो वर्षों से बसी है
एक सख्सियत है दिल में जो वर्षों से बसी है
हरवंश हृदय
मुस्कुराना चाहता हूं।
मुस्कुराना चाहता हूं।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
आऊं कैसे अब वहाँ
आऊं कैसे अब वहाँ
gurudeenverma198
हवा में हाथ
हवा में हाथ
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
मकर संक्रांति पर्व
मकर संक्रांति पर्व
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
कोई तो कोहरा हटा दे मेरे रास्ते का,
कोई तो कोहरा हटा दे मेरे रास्ते का,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
2895.*पूर्णिका*
2895.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
महसूस तो होती हैं
महसूस तो होती हैं
शेखर सिंह
Loading...