Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Aug 2021 · 1 min read

मानवाधिकारों का हनन

पूरी दुनिया को भुगतना होगा!
एक रोज़ उसका ख़ामियाजा!!
कुछ देशों में निकल रहा जैसे
मानवाधिकारों का जनाजा!!
क्या बहरे कानों तक उसकी
कभी कोई गूंज नहीं पहुंचती!
दुनिया भर में तो हुआ करता
हर लम्हा एक नया धमाका!!
Shekhar Chandra Mitra
#TalibanAttack

Language: Hindi
157 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हिंदी दिवस पर एक आलेख
हिंदी दिवस पर एक आलेख
कवि रमेशराज
** मन मिलन **
** मन मिलन **
surenderpal vaidya
ख्याल नहीं थे उम्दा हमारे, इसलिए हालत ऐसी हुई
ख्याल नहीं थे उम्दा हमारे, इसलिए हालत ऐसी हुई
gurudeenverma198
ओ परबत  के मूल निवासी
ओ परबत के मूल निवासी
AJAY AMITABH SUMAN
संघर्ष
संघर्ष
Sushil chauhan
हिन्दी दोहे- चांदी
हिन्दी दोहे- चांदी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मैं उसकी निग़हबानी का ऐसा शिकार हूँ
मैं उसकी निग़हबानी का ऐसा शिकार हूँ
Shweta Soni
यादों की किताब बंद करना कठिन है;
यादों की किताब बंद करना कठिन है;
Dr. Upasana Pandey
अब कौन सा रंग बचा साथी
अब कौन सा रंग बचा साथी
Dilip Kumar
मेरी हस्ती का अभी तुम्हे अंदाज़ा नही है
मेरी हस्ती का अभी तुम्हे अंदाज़ा नही है
'अशांत' शेखर
"तरक्कियों की दौड़ में उसी का जोर चल गया,
शेखर सिंह
💐Prodigy Love-7💐
💐Prodigy Love-7💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
खुश वही है , जो खुशियों को खुशी से देखा हो ।
खुश वही है , जो खुशियों को खुशी से देखा हो ।
Nishant prakhar
"चालाकी"
Ekta chitrangini
वक़्त आने पर, बेमुरव्वत निकले,
वक़्त आने पर, बेमुरव्वत निकले,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दिल तेरी राहों के
दिल तेरी राहों के
Dr fauzia Naseem shad
नन्ही परी चिया
नन्ही परी चिया
Dr Archana Gupta
सोचो यदि रंगों में ऐसी रंगत नहीं होती
सोचो यदि रंगों में ऐसी रंगत नहीं होती
Khem Kiran Saini
श्री राम अमृतधुन भजन
श्री राम अमृतधुन भजन
Khaimsingh Saini
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
"विचारणीय"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल तोड़ना ,
दिल तोड़ना ,
Buddha Prakash
कविता: मेरी अभिलाषा- उपवन बनना चाहता हूं।
कविता: मेरी अभिलाषा- उपवन बनना चाहता हूं।
Rajesh Kumar Arjun
तार दिल के टूटते हैं, क्या करूँ मैं
तार दिल के टूटते हैं, क्या करूँ मैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दशरथ मांझी होती हैं चीटियाँ
दशरथ मांझी होती हैं चीटियाँ
Dr MusafiR BaithA
3265.*पूर्णिका*
3265.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पाश्चात्यता की होड़
पाश्चात्यता की होड़
Mukesh Kumar Sonkar
नन्हीं - सी प्यारी गौरैया।
नन्हीं - सी प्यारी गौरैया।
Anil Mishra Prahari
जुदाई - चंद अशआर
जुदाई - चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
Loading...