Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2021 · 1 min read

नर्मदे हर

नर्मदे हर हर नर्मदे हर हर ,नर्मदे हर हर नर्मदे हर हर।
नर्मदे हर हर नर्मदे हर हर नर्मदे हर हर नर्मदे हर हर ।
मिला यही वर है रूप शिव का किनारे पर जो डला हो कंकर।।
नर्मदे हर हर नर्मदे हर हर नर्मदे हर हर नर्मदे हर हर।।

किसी की छूटी है मोह माया,कोई करे है पवित्र काया ।
जो भक्त जैसे भी भाव लाया,न लौटा खाली वो सब है पाया।
पूर्ण होती मनोकामना जो दर्शनों को हैं जाते तट पर।
नर्मदे हर हर नर्मदे हर हर नर्मदे हर हर नर्मदे हर।।

घाट घाट साधु सन्यासी किनारे चलते परिक्रमा वासी ।
श्रद्धाभाव से आते प्रवासी पाएं पुण्य सदाब्रत से निवासी
कोई कुटी में मगन भजन में कोई मजे में है अपने घर पर।
नर्मदे हर हर नर्मदे हर हर नर्मदे हर हर नर्मदे हर हर ।

शहर के नाले पसारे बाहें, रेत खनन से भी माँ कराहें।
जो कष्टप्रद अब हुई हैं राहें, किसे पुकारे दुखी निगाहें ।
वो तुमको पापा से मुक्त कर दें तू गंदगी से उसे मुक्त कर
नर्मदे हर हर नर्मदे हर हर नर्मदे हर हर नर्मदे हर हर।।

✍श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 278 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दूर जा चुका है वो फिर ख्वाबों में आता है
दूर जा चुका है वो फिर ख्वाबों में आता है
Surya Barman
घणो ललचावे मन थारो,मारी तितरड़ी(हाड़ौती भाषा)/राजस्थानी)
घणो ललचावे मन थारो,मारी तितरड़ी(हाड़ौती भाषा)/राजस्थानी)
gurudeenverma198
*मन राह निहारे हारा*
*मन राह निहारे हारा*
Poonam Matia
लिखना
लिखना
Shweta Soni
रखो शीशे की तरह दिल साफ़….ताकी
रखो शीशे की तरह दिल साफ़….ताकी
shabina. Naaz
आसमां पर घर बनाया है किसी ने।
आसमां पर घर बनाया है किसी ने।
डॉ.सीमा अग्रवाल
नारी बिन नर अधूरा✍️
नारी बिन नर अधूरा✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
शोकहर छंद विधान (शुभांगी)
शोकहर छंद विधान (शुभांगी)
Subhash Singhai
■ आज का आखिरी शेर।
■ आज का आखिरी शेर।
*Author प्रणय प्रभात*
"प्रीत-बावरी"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
हर बात हर शै
हर बात हर शै
हिमांशु Kulshrestha
2493.पूर्णिका
2493.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
पर्यावरणीय सजगता और सतत् विकास ही पर्यावरण संरक्षण के आधार
पर्यावरणीय सजगता और सतत् विकास ही पर्यावरण संरक्षण के आधार
डॉ०प्रदीप कुमार दीप
* अवधपुरी की ओर *
* अवधपुरी की ओर *
surenderpal vaidya
समुद्र से गहरे एहसास होते हैं
समुद्र से गहरे एहसास होते हैं
Harminder Kaur
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
अपनों को दे फायदा ,
अपनों को दे फायदा ,
sushil sarna
बस्ती जलते हाथ में खंजर देखा है,
बस्ती जलते हाथ में खंजर देखा है,
ज़ैद बलियावी
भारत देश
भारत देश
लक्ष्मी सिंह
रंजीत शुक्ल
रंजीत शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
"शोर"
Dr. Kishan tandon kranti
दोस्ती
दोस्ती
Rajni kapoor
क्या लिखूँ....???
क्या लिखूँ....???
Kanchan Khanna
🙂
🙂
Sukoon
बौद्ध धर्म - एक विस्तृत विवेचना
बौद्ध धर्म - एक विस्तृत विवेचना
Shyam Sundar Subramanian
क्या रावण अभी भी जिन्दा है
क्या रावण अभी भी जिन्दा है
Paras Nath Jha
जिन्दा हो तो,
जिन्दा हो तो,
नेताम आर सी
अजनवी
अजनवी
Satish Srijan
*गर्मी में शादी (बाल कविता)*
*गर्मी में शादी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
माँ महागौरी है नमन
माँ महागौरी है नमन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
Loading...