दृष्टि कोण बदलो , दृश्य बदलेगा ।
धर्म की राजनीति ,
जाति भेद की राजनीति ,
क्या जरूरी है यह विभाजन ,
क्यों नही करते तुम निष्पक्ष राजनीति ।
सूरज ,चंदा ,नदियां ,धरती ,
यह संपूर्ण प्रकृति को देखा ,
कभी भेदभाव करते ।
फिर क्यों तुम इनसे नही सीखते ?
यह क्या बना रखी तुमने स्वार्थ की नीति ?
मतदान तो सारी जनता करती है ,
उस एक मत में कितनी आशाएं जुड़ी होती है ,
एक विश्वास और तमन्ना जुड़ी होती है ,
इसपर किसी धर्म जाति विशेष का नाम नहीं लिखा ,
यह हर मनुष्य की भावना होती है।
सिर्फ तुम्हारा दृष्टिकोण ही बदल देता है सारी स्थिति।
अपनी सत्ता लालसा से बाहर निकलो ,
अपना दृष्टिकोण भी तुम बदलो ,
समानता की बात करते हो तो ,
समानता देश में लाकर भी दिखाओ ।
कथनी और करनी में फर्क करते रहोगे ,
तो कभी नहीं पा सकोगे जनता का आदर और प्रीति।
अपना दृष्टि कोण यदि बदलोगे ,
तो समाज का दृश्य भी बदलेगा ।
तुम्हारी साफ नियत ,ईमानदारी और सेवाभाव से,
देश का भाग्य बदलेगा।