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25 Nov 2021 · 2 min read

अपना घर ,अपना देश

अरे भले इंसान ! घर में चाहे जितनी मुश्किलें आयें, चाहे भूकंप भी क्यों ना आ जाये ,यूँ अपने घर को नहीं छोड़ता कोई . जिस घर ने तुम्हें आश्रय दिया, तुम्हारी कमियों व् खूबियों को एक साथ स्वीकार किया ,
तुम्हें ढेर सारा प्यार, व् सम्मान दिया,मालो -दौलत से तुम्हारी जेबें भरी अब तक ! उसी घर को छोड़ने की बात करते हो , कमज़र्फ ! समस्याएं कहाँ नहीं होती ? सारी दुनिया के विश्व किसी न किसी समस्या से ग्रस्त है . आज के दौर में . मगर कोई अपनी मात्र-भूमि छोड़ने की बात नहीं करता ,तुमने ऐसा सोच भी कैसे लिया.? अपने घर / देश को अपने लिए असुरक्षित और असहनशील बताना तुम्हें शोभा नहीं देता, क्या यही तुम्हारी देशभक्ति है.?
यह देश हमारा अपना घर है ,इसकी कमिय,खूबियाँ , सफलता -विफलता सब हमारी ही है , इसीलिए हमारा यह परम कर्तव्य है की अपने घर रूपी देश के हर-दुःख-सुख में बराबर हिस्से दार बने , अपनी स्वार्थपरता को किनारे पर रखकर.
साहित्यकरों ,कलाकारों में अपने फन के ज़रिये देश और समाज को बदलने की असीम क्षमता होती है.इसीलिए तुम्हें भी आज जो देश के हालात हो रहे हैं उसे बदलने की कोशिश करनी चाहिए , ,ना की कायरों की तरह देश छोड़ के जाना चाहिए. यूँ समझ लो यह तुम्हारी देशभक्ति की परीक्षा हो रही है. यदि अनुतीर्ण हो गए तो अपने देश में तो क्या कहीं भी किसी भी तरह का सम्मान ,यश नहीं प्राप्त कर सकोगे. . क्योंकि अपने स्वार्थ के लिए , मुसीबत के समय अपने घर को छोड़ने वालों की दुनिया के किसी भी कोने में इज्ज़त नहीं होती. समझे!

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 2 Comments · 364 Views
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